मेथी के बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ व हानि
मेथी के बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ व हानि
मेथी सम्पूर्ण भारत में पायी जाती है जिसे मेथिका के नाम से भी जाना जाता है। मेथी फेवेसी कुल लका एक पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेलाफीनम ग्रीकम है। मेथी के कई नाम हैं। विभिन्न भाषाओं में इसे भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। मेथी को मलयालम में उल्लव के नाम से, तेलगू में मेन्तीकूरा के नाम से, गुजाराती में मेथनी के नाम से, अरैबिक में हिल्बेह के नाम से, तमिल भाषा में वण्डयम के नाम से, अंग्रेजी भाषा में फेनुग्रीक के नाम से, कन्नड़ में मेथे के नाम से तथा नेपाली, मणिपुरी, पंजाबी, मराठी, बंगाली तथा हिन्दी में मेथी के नाम से जाना जाता है। मेथी की तासीर गर्म होती है। मेथी औषधीय गुणों की खान है जिसके सेवन से तमाम लाभ होते है परन्तु अधिक सेवन करने से कुछ हानि भी हो सकती है।
इस लेख में मेथी का उपयोग, मेथी में पाये जाने वाले तत्वों, मेथी के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य लाभ व हानि पर प्रकाश डाला जा रहा है जिसका भलीभांति अध्ययन कर ज्ञानार्जन कर भरपूर लाभ उठाये जा सकते हैं।
मेथी का उपयोगः
मेथी के पत्तों की सब्जी बनाकर खायी जाती है। मेथी के बीजों का प्रयोग मसालें में किया जाता है जो कि प्रत्येक घर की रसोई में पाया जाता है। मेथी से तेल भी निकाला जाता है। आयुर्वेद के अनुसार मेथी एक औषधीय पौधा है जिसमें तमाम औषधीय तत्व पाये जाने जाते हैं। मेथी के बीज तथा तेल का उपयोग कई रोगों के उपचार में औषधि के रूप में किया जाता है। मेथी के बीजों की चाय बना कर भी सेवन किया जाता है।
मेथी में पाये जाने वाले तत्वः
मेथी विटामिन्स तथा मिनरल्स का समृध्द भण्डार है। मेथी में विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-के, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, फाइबर, फोलेट, जिंक, निकोटिनिक एसिड, सोडियम, गैलेक्टोमैनन तथा लेटिसिन पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। मेथी में एंटीआक्सीडेन्ट तथा एंटी-इंफ्लेमेट्री का गुण भी पाया जाता है।
मेथी के स्वास्थ्य लाभः
- जोड़ों के दर्द में अत्यन्त लाभकारी हैः मेथी दाना गठिया रोग में जाड़ों में होने वाले दर्द में काफी लाभदायक है। रात में एक चम्मच मेथी दाना को अच्छी तरह से धो कर एक कप स्वच्छ पानी में भिगों दें। सुबह उठकर खाली पेट उक्त मेंथी दाना को खूब चबा-चबा कर खायें तथा उक्त पानी को पी लें। एक घण्टे तक कुछ न खायें। मेथी के पिसे बीज को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर जोड़ों के प्रभावित भाग पर लगाएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से तीन से चार सप्ताह में आश्चर्यजनक लाभ मिलता है।
- पेट के विकार दूर हो जाते हैः रात में डिनर के बाद सोते समय प्रतिदिन एक गिलास स्वच्छ गर्म पानी में एक चम्मच बारीक पिसा मेथी दाना मिलाकर पी लें। मेथी के पत्तों का साग भी एक दिन के अन्तराल पर खायें। एक मिश्रण का तीन से चार सप्ताह नियमित प्रयोग करने से पेट सम्बन्धी विकार गैस, कब्ज, एसिडिटी आदि ठीक हो जाते हैं।
- हृदय स्वस्थ रहता हैः 200 मिली पानी में एक चम्मच मेथी के पिसे बीज डालकर अच्छी तरह से 5 से 7 मिनट उबालकर कपड़े से छान ले तथा इसमें स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इस चाय का दिन में दो बार सेवन करते हुए नियमित रूप से सेवन करने से मेथी में पाया जाने वाला गैलेक्टोमैनन तत्व, एंटीआक्सीडेन्ट का गुण रक्तचाप तथा मोटापे पर नियन्त्रण रखते हुए हृदय को स्वस्थ रखता है। मधुमेह से पीड़ित लोग इस मिश्रण में शहद का उपयोग न करें अन्यथा शुगर लेबल बढ़ सकता है।
- कोलेस्ट्राल कम हो जाता हैः प्रतिदिन दो कप मेथी दाना की चाय का नियमित सेवन करने से बैड कोलेस्ट्राल कम हो कर कोलेस्ट्राल नियन्त्रित हो जाता है।
- कान बहना बन्द हो जाता हैः मेथी के बारीक पिसे हुए बीज को गाय के दूध में अच्छी तरह से मिलाकर कपड़े से छान कर गुनगुना करके दे से तीन बूंद दिन में दो बार कान में डालने से कान बहना बन्द हो जाता है।
- पेचिश रोग ठीक हो जाता हैः एक मेथी के बीज को भून कर बारीक पीस कर एक गिलास छाछ में मिलाकर दिन में तीन बार पीने से पेचिश रोग ठीक हो जाता है।
- मासिक धर्म सम्बन्धी विकार ठीक हो जाते हैः दो ग्राम मेथी के बीज की चाय बनाकर दिन में दो कप चाय का नियमित रूप से सेवन करने से मासिक धर्म सम्बन्धी विकार (पेट में दर्द, अधिक मात्र में रक्तस्राव, अनियमित माहवारी आदि) ठीक हो जाते हैं। मधुमेह रोग से पीड़ित महिलाएं चाय में शहद का प्रयोग न करें, अन्यथा रक्त में शुगर लेबल बढ़ने का समस्या हो सकती है।
- स्तनों मे दूध बढ़ाने में सहायक हैः रात में एक चम्मच मेथी दाना को अच्छी तरह से धो कर एक कप स्वच्छ पानी में भिगों दें। सुबह उठकर उक्त बीजों को 200 मिली0 पानी में 5 से 7 मिनट तक उबाल कर ठण्डा कर लें। एक चम्मच शहद मिला लें। इसके बाद खाली पेट पी लें। इस काढ़े का नियमित रूप से सेवन करें। मेथी के पत्तों की सब्जी खायें। इसका नियमित सेवन करने से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तनों में दूध बढ़ जाता है। यदि आप को मधुमेह की समस्या है तो इस काढ़ें में शहद न मिलाएं अन्यथा रक्त में शुगर लेबल बढ सकता है।
- बाल सम्बन्धी विकार दूर हो जाते हैः रात में दो से चम्मच मेथी के बीज को अच्छी तरह से धुलकर पानी में भिगों दे। सुबह उक्त मेथी बाजों को बारीक पीस कर नारियल के दूध में अच्छी तरह से मिलाकर पेस्ट बना कर सिर तथा बालों में अच्छी तरह से लगाकर धीरे-धीरे 5 से 7 मिनट तक मसाज करें। इसके बाद छाया में बैठें। एक घण्टे बाद बालों को ठण्डे पाना सा अच्छी तरह से धुल लें। इस मिश्रण का प्रयोग सप्ताह में तीन बार करते हुए नियमित रूप से तीन से चार सप्ताह तक करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है, बाल लम्बे, मुलायम तथा मोटे हो जाते हैं।
- अन्य लाभः मेथी दाना व मेथी के पत्तों की सब्जी की नियमित रूप से सेवन करने से शरीर का वजन कम होकर सन्तुलित हो जाता है। पाचन सम्बन्धी विकार दूर होकर पाचन तन्त्र (लीवर आदि) स्वस्थ हो जाते हैं। बार-बार उल्टी होने या जी मिचलाने की समस्या दूर हो जाती है। भूख बढ़ जाती है। रक्त चाप कम होकर नियन्त्रित हो जाता है। मेथी के पत्तों को पीस कर बन्द घावों पर लगाने से घाव की सूजन तथा जलन ठीक हो जाती है। एक से दो ग्राम पिसे हुए मेथी के बीजों को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करने से तन्त्रिका तन्त्र सम्बन्धी विकार धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। एक चम्मच पिसे हुए मेथी दाना को दही में अच्छी तरह से मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर दिन में एक बार लगायें तथा 40 मिनट बाद ठण्डे पानी से धुल दें, इस मिश्रण का नियमित रूप से तीन से चार सप्ताह तक सेवन करने से चेहरे की मृत कोशिकाएं बाहर निकल जाती हैं, त्वचा में चमक व निखार आ जाता है और त्वचा की असामयिक झुर्रियां कम होकर त्वचा में कसाव आकर त्वचा जवां हो जाती है जिससे बढ़ती उम्र का प्रभाव कम हो जाता है।
मेथी से सेवन से हानिः
मेथी का अधिक सेवन करने से उल्टी, दस्त, अपचन, सीने में जलन, गैस, सूजन तथा रक्त में शुगर लेबल सामान्य से काफी कम हो जाने की समस्या हो सकती है। जो लोग मधुमेह रोग की दवा या रक्त पतला करने की दवा का सेवन कर रहें हों, उन्हे मेथी दाना के सेवन से बचना चाहिए या चिकित्सक से सलाह लेकर ही सेवन करना चाहिए। यदि किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो सम्बन्धित चिकित्सक से परामर्श ले कर ही मेथी का सेवन करना चाहिए।
डिक्लेमरः इस लेख में प्रकाशित सुझाव मात्र सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों तथा जानकारी को किसी चिकित्सक की सलाह के तौर पर न लें। बीमारी की स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। किसी क्षति के लिए लेखक उत्तरदायी नही होगा।
Add your first comment to this post